MUSKURA KE TO JAAIYE

बुधवार, 30 अप्रैल 2014

नशे में त्रस्त

आदरणीया निशा जी के प्रोत्साहन पर एक अधूरी कहानी पूरी करने की कोशिश ... अपना अंगना में

रंजना नन्ही वंशिका की बातों से अचंभित रह गयी छोटी बच्ची और इतनी बड़ी बात . ..उसका मन कचोटने लगा कि क्यों वो आज तक ऐसा नहीं सोचती रही क्या कमी है उसके अंदर हर दिन हर समय घुटन , एक नारी होने का ये तो मतलब नहीं कि हर कुछ मन मसोस कर मान लिया जाए सहा जाए ! बहुत सहा उसने नित्य प्रति की घरेलू हिंसा कितना कुछ उसने राहुल को समझाया था जब नशा उतरता था वो मान भी जाता था अक्सर दिन में, तब मेरा कोमल मन पिघल जाता था पति को देवता सा समझाया गया था बचपन से वो संस्कार अब तक सब कुछ बर्दास्त करने को प्रेरित करता था , लेकिन अब रंजना ने मन में निश्चय किया पढ़ी लिखी तो थी ही बच्चों के ट्यूसन और फिर एक कोचिंग से उसने शुरुआत की वंशिका को भी उसने एक अच्छी नर्सरी में दाखिला दिल दिया राहुल को ये सब बड़ा नागवार गुजरा झड़प हुयी तो वो कुछ दिन मायके चली गयी और फिर उसने एक कमरा अलग ले कर सब संभाल लिया , नशे में त्रस्त राहुल अब अकेला हो चला था और टूटने लगा था , एक
एक दिन अब उसका भारी हो रहा था नशे के आदी को बात करने वाला नहीं मिलता तो उसे बहुत खलता है समाज की कमी सब को खलती है अकेलापन उसे खाता है और मानसिक रूप से वह और बीमार होने लगता है रंजना दूर से ही उसकी खबर लेती रहती थी . मायके वाले भी राहुल को ठीक से तवज्जो नहीं देते थे न अधिक जानकारी ..रंजना की सहेली से कई बार वो दिन में मिला और अपनी हालात बयाँ किया
उसने रंजना से मिल के उसके दिल की हालत बताने और समझौता कराने की मिन्नतें की कि अब वो एक देवी सी पत्नी को दुःख नहीं देगा और अपना नशा छोड़ देगा , रंजना की सहेली ने जब उसे सब बताया कि अब उसने नशा कम किया लेकिन मानसिक रूप से बहुत बीमार हो रहा है और वह अकेले में धैर्य खो सकता है तो रंजना फिर राहुल के प्रति नरम हो गयी लेकिन इस बार उसने उसे सुधार कर ही छोड़ने का प्रण किया अकेले रहते ही वह राहुल से मिलती रही धनात्मक रुख दिखने लगा था रंजना का प्रेम जीत गया था एक दिन नम आँखों से राहुल ने रंजना को आगोश में भर लिया और रंजना भी प्रेम से सराबोर हो गले मिल गयी फिर दोनों साथ आये और राहुल की आदत जब बिलकुल बदल गयी तो वंशिका भी अपने घर आई और ठिठोली ले कर कहा ना ना मम्मी पप्पा से कट्टी मत करना पप्पा बड़े प्यारे हैं .....राहुल ने वंशिका को दिल में भर लिया .....
भ्रमर ५

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही अच्‍छी रचना की प्रस्‍तुति।

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  2. कहकशां जी इस लघु कथा को आप ने पसंद किया ख़ुशी हुयी आभार
    भ्रमर ५

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