MUSKURA KE TO JAAIYE

रविवार, 3 मई 2020

मानव मानवता को वर ले


हमने मिलकर थाल बजाई,
शंख बजा फिर ज्योति जगाई,
मंत्र जाप मन शक्ति अाई,
योग ध्यान आ करें सफाई,
जंग जीत हम छा जाएंगे,
विश्व गुरु हम कहलाएंगे,
आत्मशक्ति अवलोकन करके,
एकाकी ज्यों गुफा में रह के,
जन मन का कल्याण करेंगे
द्वेष नहीं हम कहीं रखेंगे
प्रेम से सब को समझाएंगे
मानव मानवता को वर ले
पूजा प्रकृति की जी भर कर ले
मां है फिर गोदी में लेगी
पीड़ा तेरी सब हर लेगी
हाथ जोड़ बस करे नमन तू
पाप बहुत कुछ दूर रहे तू
जल जीवन कल निर्मल होगा
मन तेरा भी पावन होगा
मां फिर गले लगा लेगी जब
खेल खेलना रमना बहुविधि
सब को गले लगाना फिर तुम
हंसना खूब ठ ठा ना जग तुम।

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर 5
UTTAR PRADESH
10APRIL2020
7.11 AM

3 टिप्‍पणियां:


  1. हमने मिलकर थाल बजाई,
    शंख बजा फिर ज्योति जगाई,
    मंत्र जाप मन शक्ति अाई,
    योग ध्यान आ करें सफाई,,,,,,, बहुत सुंदर रचना, आदरणीय शुभकामनाएँ ।

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  2. नमस्कार भ्रमर जी , प्रकृत‍ि की बहुत सुंदर कव‍िता...

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